कुछ तो है जो अधूरा रह गया
शायद खुदको स्वीकार करना रह गया,
हमें क्या पाता था की हम पूर्ण है,
बस खुद में मिलकर
खुद से जुड़ना
बाकी रह गया था।
कुछ तो है जो अधूरा रह गया
शायद खुदको स्वीकार करना रह गया,
हमें क्या पाता था की हम पूर्ण है,
बस खुद में मिलकर
खुद से जुड़ना
बाकी रह गया था।