Mukt kardo

कान्हा कुछ ऐसा इंतज़ाम करदो

कि मैं मुक्त हो जाऊँ,

तेरे प्रेम में खो कर

अपना अस्तित्व भूल जाऊँ,

तेरे सीने से लग कर

फिर इस संसार में कभी ना आऊं।

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